शनिवार, 2 सितंबर 2017

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हनुमान जी ने हस्तलिखित रामायण का क्या हुआ।

By: Successlocator On: सितंबर 02, 2017
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  • रामायाण को हिन्दूओं का पवित्र ग्रन्थ माना जाता हैं। जनमानस जानता है कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी। लेकिन बहुत ही कम लोगों को यह पता है कि महर्षि वाल्मीकि से पूर्व ही किसी और न भी रामायण को लिपिबद्ध कर दिया था। वह और कोई नहीं भगवान राम के परम भक्त हनुमान हैं।


    जब भगवान राम रावण को मार कर अयोध्या पहुंचे तो हनुमान भगवान शिव के पास चले गए। वहां पर उन्होंने अपने नाखूनों की सहायता से रामायण को लिपिबद्ध किया। जब महर्षि वाल्मीकि ने अपनी रचना लिपिबद्ध करने बाद शिव के पास उनको अपने कृति भेंट करने आए। तो उन्होंने देखा कि वहां पत्थरों पर कथा लिखी हुई हैं। यह देखकर वह निराश हुए और वह वापस जाने लगे।


    जब इस बात का पता हनुमान जी को चला तो वो महर्षि के पास आए। एक हाथ में हस्तलिखित पत्थर और दूसरे हाथ में महर्षि को लेकर समुद्र किनारे गए। वहां जाकर उन्होंने अपने रामायण को समुद्र में फेक दिया। इस प्रकार हनुमान जी द्वारा लिखित राम कथा का कोई अस्तित्व नहीं रहा।

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