शुक्रवार, 8 सितंबर 2017

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गुरु नानक देव जी मक्काजाने से जुड़ी कहानी।

By: Successlocator On: सितंबर 08, 2017
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  • गुरु नानक जी के दो चेले थे एक का नाम था बाला और एक का नाम था मरदाना एक हिंदू और एक मुस्लिम। एक बार मरदाना ने गुरु जी से कहा कि मैं मक्का जाना चाहता हूं क्योंकि मुसलमान एक सच्चा मुसलमान तब तक नहीं कहलाता जब तक वह मक्का ना जाए । यह बात सुनकर गुरुजी उन्हें मक्का लेकर गए । मक्का पहुंचते-पहुंचते गुरूजी बहुत थक गए थे और वहां हाजियों के लिए बने आरामगाह में मक्का की तरफ पैर करके लेट गए।

    आरामगाह में हाजियों की सेवा करने वाला खातिम जिसका नाम जियोन था वह यह देखकर बहुत गुस्सा हुआ और गुरु जी से बोला कि तुम कैसा आदमी है तुमको दिखता नहीं है कि वहां पर मक्का मदीना है और तुम उस तरफ पैर करके लेटे हो । तब गुरु जी बोले गुस्सा मत करो मैं बहुत थका हुआ हूं मुझे आराम चाहिए। मैं भी तुम्हारी तरह खुदा को मानता हूं तभी तो मैं यहां आया हूं मुझे नहीं पता कि खुदा का घर कहां है पर तुम्हें तो पता है तो तुम ही मेरे पांव उस तरफ कर दो।

    परंतु जैसे ही वह गुरु जी का पांव दूसरी तरफ करता है मक्का भी उसी और चला जाता है। यह देखकर जीयोन को समझ आ जाता है कि यह शख्स कोई आम आदमी नहीं है खुदा का बंदा है और जीयोन तुरंत ही गुरु जी से माफी मांग लेता है। गुरुजी उसे कहते हैं ऐ खुदा के बंदे खुदा दिशाओं में वास नहीं करते वह तो दिलों में राज करते हैं। अच्छे कर्म करो और खुदा को दिल में रखो यही खुदा का सच्चा सदका है।

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