मंगलवार, 5 सितंबर 2017

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भीम ने क्यो बनाया था एक रात में बांध,

By: Successlocator On: सितंबर 05, 2017
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  •  मध्य प्रदेश हमेशा से संस्कृति और स्थापत्य कलाओं को लेकर दुनियाभर में फेमस है। इसकी पहाडिय़ों और कंदराओं में ढेरों अनसुलझे रहस्य भी दबे पड़े हैं, जिनको ना तो सुलझाया जा सका और ना ही कोई हल ही निकल पाया है।


    ऐसे ही एक अनसुलझे सवालों के लिए भोपाल से करीब 180 किमी दूर स्थित देवास का कावडिय़ा पहाड़ आज भी चर्चा और आश्चर्य का विषय बना हुआ है। लंबे और षठकोणीय पत्थरों से बने पहाड़़ को लेकर यह चर्चा है कि यह मानव निर्मित है या प्रकृति ने इसे नायाब रूप दिया है।
    बीयू से पीएचडी कर चुके डॉ रत्नेश का कहना है कि मैं रिसर्च के लिए देवास और आस-पास के इलाकों में लंबे समय तक रहा हूं। इस पहाड़ के बारे में एक दंतकथा प्रचलित है कि, एक बार मां नर्मदा और भीम के बीच संवाद हुआ, जिसमें मां नर्मदा ने शर्त रखी कि अगर तुम एक रात में बांध बनाकर मेरे पानी को रोक दोगे तो मैं तुमसे शादी कर लूंगी।


    मां नर्मदा की शर्त मानते हुए भीम ने पत्थरों का पहाड़ तो बना दिया लेकिन मां नर्मदा के पानी को रोक नहीं पाए। तब से यह पहाड़ एक बांध के रूप में स्थापित हो गया।
    कावडिय़ा पहाड़ पर लंबे समय से रिसर्च कर रहे इतिहासविद डॉ तेज सिंह सेंधव के अनुसार यह पहाड़ महाभारत काल में बना हुआ है। उन्होंने अपनी पुस्तक युग-युगीन देवास में इसके भीम द्वारा निर्मित होने के साक्ष्य भी दिए हैं।
    इतिहास के संरक्षण के लिए काम कर रही है एक संस्था अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली ने भी सेंधव के इस तथ्य को सही ठहराया है। वहीं आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया एएसआई इसे वातावरण में आए बदलाव का रूप मानते हैं।
    डॉ सिंह का कहना है कि मैं इस पहाड़ पर लंबे समय से रिसर्च कर रहा हूं। साथ ही देश भर के कई रिसर्च स्कॉलर भी इस पर शोध कर रहे हैं, जो इन दिनों भोपाल में हैं। हमने इस पहाड़ को लेकर कार्बन डेटिंग कराई है।


    इसका समय महाभारत काल से जुड़ा है। इसलिए यह उसी काल की निर्मित पहाड़ी है। देवास और आस-पास के इलाकों में पांडवों के आने के भी साक्ष्य मिलते हैं। जो इस बात को और भी पुष्ट करते हैं कि पहाड़ महाभारत काल में निर्मित है।


    सीनियर आर्कियोलॉजिस्ट पूजा सक्सेना कहती हैं, यह कयास गलत है कि इसका निर्माण भीम ने किया है। बल्कि ऐसे पहाड़ों का निर्माण ज्वालामुखी के फटने और लंबे समय बाद ठंडा होने के परिणामस्वरूप बनता है। दुनिया में ऐसे कई द्वीप हैं, जहां ऐसे पहाड़ बडी संख्या में देखने को मिलते हैं।

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