जमीन की मिट्टी हटी तो उसमें से कुछ उभार महसूस किया गया. कोई नहीं समझ पा रहा था कि जमीन में से यह क्या निकल रहा है. जब स्थानीय लोग जमीन के भीतर उभर रही इन गतिविधियों के कारण को समझ नहीं सके तो उन्होंने पुरातत्व वैज्ञानिकों को बुलाया.
जब पुरातत्व वैज्ञानिकों ने जमीन के नीचे खुदाई शुरू की तो उन्हें जो मिला वह उसे देखकर बिल्कुल हैरान रह गए. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में स्थित ओछा की यह घटना बेहद हैरान कर देने वाली थी जहां की जमीन में पुरातत्व वैज्ञानिकों को महाभारत के दौर से जुड़े कुछ बेहद महत्वपूर्ण और प्राचीन अवशेष मिले. भारतीय पुरात्व वैज्ञानिकों के अनुसार ओछा की जमीन के अंदर दसवीं शताब्दी से संबंधित एक मंदिर मौजूद है जो किसी भी समय जमीन फाड़कर बाहर आ सकता है.
उल्लेखनीय है कि ओछा की ग्राम पंचायत में श्रृंगी ऋषि का आश्रम स्थित है. पहले इस स्थान पर बहुत से टीले हुआ करते थे लेकिन अब यहां कोई टीला मौजूद नहीं है. बचे हुए एक टीले पर भी मंदिर निर्माण करवाने के लिए उसे समतल करवाया जाने का काम शुरू किया गया तो खुदाई के दौरान ही मजदूरों को एक नर कंकाल मिला और जब और भीतर तक इस स्थान को खोदा गया तो इसमें से कुछ मूर्तियां और मंदिर के बेहद प्राचीन अवशेष मिले. जब इस टीले को पूरी तरह समतल कर दिया गया तो इसमें से दीवार या फिर किसी इमारत की नींव जैसा कुछ हाथ आया.
इसे भी पढ़ें:फुटबॉल खेल का जन्म भी भारत में
इन सभी अवशेषों की जब अच्छी तरह पड़ताल की गई तो यह पाया गया कि यह सभी अवशेष किसी मंदिर के हैं. पुरातत्व वैज्ञानिकों ने इस बात पर अपनी सहमति दे दी की यह सभी अवशेष एक प्राचीन मंदिर के हैं, जिसे 10वीं या ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया होगा.
हालांकि अभी तक इन अवशेषों की आयु को पुख्ता तौर पर नहीं बताया जा सकता इसीलिए वैज्ञानिकों का कहना है कि अध्ययन के बाद ही जमीन के भीतर मिले अवशेषों की आयु का पता चल पाएगा. उन्होंने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि यह सभी अवशेष किसी खास शैली या संरचना के आधार पर बने हुए हैं.
इस स्थान में से अभी तक कई प्राचीन मूर्तियां बाहर आ चुकी हैं और वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर इस स्थान की खुदाई की जाए तो बहुत हद तक संभव है कि इस जमीन के भीतर मौजूद एक बेहद प्राचीन मंदिर हमें मिल सकता है.
इसे भी पढ़ें:
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें